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Writer's pictureAham Brahmasmi

मृत्यु हमेशा साथ चलती है, आज़ाद


सहैव मृत्युर्व्रजति

सह मृत्युर्निषीदति।

गत्वा सुदीर्घमध्वानं

सहमृत्युर्निवर्तते।।

अर्थात- मृत्यु सदा साथ ही चलती है, साथ ही बैठती है और सुदूरवर्ती पथ पर भी साथ-साथ जाकर साथ ही लौट आती है अर्थात हम सदा ही उसके वश में रहते हैं।




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